शुक्रवार, 21 जून 2013

    
'आपदा  का फायदा उठाने वाले मनुष्यरूपी  जानवर' 


इंडिया टी वी पर प्रसारित खबर से पता  चला कि  उत्तराखंड की भीषण आपदा और मौत के मुंह के अरीब होने के बावजूद कुछ लोग अपने स्वार्थ और लालच से बाज़ नहीं आये।उन बेशर्म और इंसान के नाम पर कलंक 
लोगों ने केदारनाथ मंदिर का खज़ाना, वहाँ रखे दानपात्रों 
और तिजोरियों को तोड़कर लूट लिया यहाँ तक कि पास 
ही के 'स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 'से  लगभग तीन करोड़ रुपए भी लूट लिए।(इंडिया टी वी के अनुसार ) ऐसे बेशर्म लोग तीर्थ यात्रा करने का ढोंग करते हैं। जबकि सच तो यह है कि  मौका मिलते ही ये लोग अपना स्वार्थ सिद्ध करने दूसरों के माल पर अपना हाथ साफ़ करने से बाज़ नहीं आते। ये वही लोग होते हैं जिनके लिए ये आपदाएं या दंगे अपने स्वार्थ को सिद्ध करने का माध्यम मात्र होते हैं।ये लोग शवों के शरीर से गहने उतारने,उनका कीमती सामान हथियाने में भी ज़रा भी शर्म महसूस नहीं करते।ये लोग गलती से मनुष्य योनि में पैदा हो गए हैं।इनमें मनुष्यों वाली विशेषताएँ नदारद हैं।ऐसे जानवरों को पकड़कर सख्त से सख्त सजा देने की ज़रूरत है। इन्हें मनुष्यों के समाज में इन्सान का मुखौटा लगाकर घूमने की इज़ाज़त नहीं देनी चाहिए। 




कोई टिप्पणी नहीं: