रविवार, 2 नवंबर 2014

विक्स का सच

सुबह का नमस्कार मित्रों मित्रो भारत मे एक विदेशी कंपनी हैं प्रॉक्टर एंड गैंबल (पी एंड जी )| जो भारत मे vicks vaporub नाम की एक दवा बेचती है | क्या आप जानते हैं VICKS नाम की दावा अमेरिका में बनाना और बेचना दोनों जुर्म है | WHO (world health organisation ) ने खुद इसे जहर घोषित किया है | आप google पर भी " vicks vaporub banned " लिख कर search कर सकते हैं | https://www.google.co.in/#q=vicks+vaporub +banned+by+who बच्चे को खांसी आई नहीं कि उसके गले पर या तो विक्स मल दी गई या फिर उसे विक्स की गोली चूसने को दे दी गई। लेकिन अब विक्स का इस्तेमाल न करें। अमेरिका मे अगर किसी डॉक्टर ने किसी को VICKS vaporub की prescription लिख दे तो उस डॉक्टर को 14 साल की जेल हो जाती है, उसकी डिग्री छीन ली जाती है क्यूंकि की vicks vaporub जहर है, ये आपको दमा, अस्थमा, ब्रोंकिअल अस्थमा कर सकता है | इसीलिए दुनिया भर में WHO और वैज्ञानिको ने इसे जहर घोषित किया और ये जहर भारत में सबसे ज्यादा बिकता है विज्ञापनो की मदद से | लेकिन क्या आप जानते हैं ? भारत मे एक कानून है ? उस कानून के अनुसार किसी भी दवा का विज्ञापन टीवी, अखबार, या किसी भी मैगजीन पे नही दिया जा सकता ; लेकिन इसके बावजूद भी पैसे के ताकत से, घूसख़ोरी से ये सब होता है और दवाईयों के विज्ञापन लगातार टीवी, अखबारों आदि मे दिखाये जाते हैं | इस प्रोडक्ट को बनाने वाली कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल (पी एंड जी) ने अमेरिका में अपनी इस दवा को वापस ले लिया है यानी कंपनी इस दवा को अब अमेरिकन बाजार में नहीं बेचेगी। इस कंपनी ने सिर्फ विक्स ही नहीं बल्कि अपना एक और प्रॉडक्ट 24 लिक्वि कैप्स बोनस पैक भी वापस ले लिया है। पर...भारत समेत दुनिया के विकासशाली देशों यानी गरीब देशों में दोनों दवाओं को वापस नहीं लिया गया। क्यों वापस लिया विक्स को प्रॉक्टर एंड गैंबल (Procter and Gamble)ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा है कि इस दवा को इसके दावे के अनुरूप नहीं पाया गया। कंपनी ने विक्स (Vicks) के पैकेट पर लिखा था कि यह दवा १२ साल से कम उम्र के बच्चों पर काफी तेजी से असर करती है लेकिन कंपनी ने पाया कि ऐसा नहीं है। इसका असर बच्चों पर नहीं होता। ठीक यही नतीजा क्वि कैप्स के साथ भी निकला । कंपनी ने अपनी रिलीज में यह भी कहा कि उसने खुद ही पहल करते हुए दोनों दवाओं को वापस लिया है। यानी उसने पहल को भी अमेरिकन लोगों के बीच भुनाने का पूरा इंतजाम किया है। संकेत यह देने की कोशिश की जा रही है कि यह कंपनी कितनी ईमानदार है कि इसने अपने दो प्रोडक्ट बेहतर नतीजे न आने पर वापस ले लिए । हकीकत यह है कि अमेरिका में फूड एंड ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी के नियम इतने कड़े हैं कि उसके आगे कंपनियों के दावों की असलियत खुल जाती है । यह अथॉरिटी ऐसी दवाओं और वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाते देर नहीं करती । इसके अलावा वहां इस क्षेत्र में कई एनजीओ भी सक्रिय हैं जो लगातार ऐसी वस्तुओं पर नजर रखते हैं और अथॉरिटी को सूचना देते रहते हैं। वैसे भी वहां की अथॉरिटी की वेबसाइट पर जाकर कोई भी आदमी किसी भी प्रोडक्ट की शिकायत कर सकता है । मुगलों और अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के बाद भारत जिस अमेरिकी गुलामी की तरफ बढ़ रहा है, प्रॉक्टर एंड गैंबल की घटना उसकी जीती जागती मिसाल है। यह अमेरिकी कंपनी है और करीब 80 देशों में इसकी शाखाएं हैं यानी वहां भी पी एंड जी की यूनिट है जो इस फॉर्मूले के आधार पर विक्स और 24 लिक्वि कैप्स बनाती है। इन 80 देशों की शाखाओं में करीब 1 लाख 35 हजार लोग नौकरी करते हैं । भारत में इस समय हर छोटी से लेकर बड़ी जिस भी चीज का इस्तेमाल आप करते हैं, उनमें कहीं न कहीं किसी भी रूप में अमेरिकन हस्तक्षेप बरकरार है । यानी टाटा नमक की तरह अमेरिका हमारे हर निवाले में मौजूद है। खासकर दवाओं के मामले में तो यह आश्चर्यजनक ढंग से मौजूद है। याद कीजिए टीवी पर आपने जब पहली बार विक्स का विज्ञापन देखा था तो वह क्या था – गले में खिचखिच...विक्स की गोली लो खिचखिच दूर करो । कितना आकर्षित करता था यह विज्ञापन आपको । लेकिन अब जब उसकी असलियत सामने आई है तो हम लोग मुंह चुराने के अलावा और कुछ नहीं कर सकते। विक्स को वापस लेने की खबर अमेरिकन मीडिया से मिली है, भारतीय मीडिया में यह खबर नजर नहीं आई है। हो सकता है कि एकाध अंग्रेजी अखबारों ने इसे कहीं संक्षेप में लगाया भी हो। कहने का आशय यह है कि भारत के एक बहुत बड़े वर्ग तक यह खबर कभी नहीं पहुंच पाएगी कि विक्स और 24 लिक्वि कैप्स अब अमेरिका में नहीं बेची जाएगी। लोग हमेशा की तरह खिचखिच दूर भगाने के लिए विक्स खाते रहेंगे । नाम में फर्क - अमेरिका में विक्स को विक्स डे क्विल कोल्ड एंड फ्लू के नाम से बेचा जाता है। भारत में यह विक्स वेपोरब, विक्स कफ ड्रॉप्स, विक्स एक्शन 500 प्लस के नाम से बेचा जाता है। पी एंड जी के जो अन्य पॉपुलर प्रॉडक्ट पूरी दुनिया में बिकते हैं वे हैं- पैंपर्स, टाइड, एरियल, आलवेज, विहस्पर, पैंटीन, मैच 3, बाउंटी, डॉन, गेन, प्रिंगेल्स, चारमिन, डाउनी, लेनोर, इयाम्स, क्रेस्ट, ओरल-बी, ड्यूरासेल, ओले, हेड एंड शोल्डर, वेल्ला, जिलेट आदि। इनमें से आपने जरूर किसी न किसी प्रोडक्ट का इस्तेमाल भारत में भी किया होगा । कोई एक दवा नहीं - विक्स या 24 लिक्वि कैप्स कोई एक दवा नहीं है जिसका अमेरिकी चेहरा अलग है और भारत जैसे गरीब देशों के लिए उसका पैमाना अलग है। तमाम ऐसी प्रतिबंधित दवाएं जो अमेरिका में नहीं बेची जा सकतीं, वह भारत में खुलेआम बिकती हैं। यहां के डाक्टर दवा कंपनियों से गिफ्ट और टूर के कूपन लेकर उन दवाओं को खरीदने की सिफारिश (रेकमेंड) करते हैं । सिफला एक भारतीय कंपनी है। अभी जब स्वाइन फ्लू फैला तो उसने एक बहुत ही कारगर दवा टेमीफ्लू भारतीय मार्केट में उतारी। चूंकि स्वाइन फ्लू सबसे पहले अमेरिका में फैला तो वहां की सरकार ने सबसे पहले वहां की कंपनियों से स्वाइन फ्लू की दवा के बारे में पड़ताल की। सभी ने हाथ खड़े कर दिए। सिफला ने अमेरिकन सरकार को बताया कि उसके पास बहुत ही कारगर दवा है। अमेरिका ने सिफला को दवा सप्लई का आर्डर दे दिया। वहां दवा पहुंचने की देर थी कि एक अमेरिकन कंपनी ने इससे मिलती-जुलती दवा बनाकर पेटेंट का दावा कर दिया। खैर वह केस सिफला ने जीता और अब टेमीफ्लू के मामले में उसका डंका बज रहा है। यहां भारत में टेमीफ्लू की सप्लाई के लिए सिफला को भारत सरकार से बार-बार गुहार लगानी पड़ी कि हमारी दवा खरीद लो और पब्लिक में बांट दो। यह उदाहरण मैंने सिर्फ इसलिए दिया कि अगर किसी अमेरिकी कंपनी को भारत सरकार के पास यह दवा बेचनी होती तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), यूनीसेफ, रोटरी क्लब जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं उसकी पैरोकारी में उतर आतीं। लेकिन सिफला की पैरोकारी किसी ने नहीं की, यहां तक कि भारतीय मीडिया ने भी नहीं। न यहां न वहां । जुकाम और सिरदर्द के इलाज में काम आने वाली दवा विक्स वैपोरब बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है। एमएसएनबीसी अध्ययन रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है।शारीरिक सुकून के लिए नाक और तलवे में विक्स वैपोरब रगड़ा जाता है। एमएसएनबीसी न्यूज नेटवर्क की इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि यह दवा बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। इससे बच्चों के शरीर के उस हिस्से में जलन हो सकती है जहां विक्स वैपोरब दवा लगाई जाती है। इस मरहम से बच्चों में सांस संबंधी जटिलाएं पैदा हो सकती हैं। इससे श्लेश्म झिल्ली पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। उत्तरी कैरोलिना में वेक फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसीन के बाल रोग विभाग के उप प्रमुख ब्रुस के। रूबिन को इस रिपोर्ट में यह कहते हुए उद्धृत किया गया है, छोटे बच्चे के लिए यह दवा अति संवेदनशील साबित हो सकती है। इससे बच्चों की सांस नली सिकुड़ सकती है। कई मामले में यह मरहम सांस नली को खतरनाक तरीके से जाम कर सकता है। उनका मानना है कि यह मरहम लोगों में यह गलतफहमी पैदा कर देती है कि उनकी सांस नली पूरी तरह साफ हो गई है, पर ऐसा होता नहीं है। इस मरहम में मेंथॉल नामक रसायन होता है। vicks पेट्रोलियम जेल्ली से बनता है जिसकी कीमत ६०-७० रुपया किलो है और विक्स की बिक्री में procter and gamble कंपनी को २०,००० % से जादा का मुनाफा है | ये मुनाफा आप की जेब से लूटा जा रहा है और सरकार इस घोटाले में शामिल है | सरकार ने लाइसेन्स दे रखी है, आँखे बंद कर रखी है और कंपनी देश को लूटा जा रहा है और ये vicks vaporub नाम की दवा कितनी महंगी आपको बेची जाती है | २५ ग्राम ४० रूपये की है तो ५० ग्राम ८० रूपये की तो १०० ग्राम १६० रूपये की मतलब १ किलो vicks की १६०० रूपये हुई | १६०० रूपये किलो का जहर खरीद आप खुद लगा रहे हैं और अपने बच्चों को लगा रहे हैं | जिससे आपको दमा, अस्थमा, ब्रोंकिअल अस्थमा TB हो सकता है | सर्दी खांसी की आयुर्वेद मे बहुत अच्छी दवा है उसका नाम है | दालचीनी (ध्यान रहे ये दालचीनी आम घरो मे होने वाली आम दाल और चीनी नहीं है ) http://hi.wikipedia.org/wiki/दालचीनी | इस दालचीनी को पीस ले और एक चम्मच शहद के ऊपर कुछ चुटकी डाले और सीधा निगल जाएँ बहुत ही ज्यादा लाभकारी हैं | अगर किसी को गले मे ज्यादा दर्द हो या tonsils की समस्या हो तो आप एक चुटकी शुद्ध हल्दी बिलकुल गले मे घंटी की पास रखे मात्र 3 दिन करने से आपको बहुत अधिक लाभ होगा | और अगर आपको गले की खिचखिच दूर ही करनी है तो गरम पानी में तुलसी, अदरक और मामूली सा नमक डालकर उसका गलाला करें और उस पानी को पी लें। आपकी खिचखिच जरूर दूर हो जाएगी । इस vicks नाम के जहर को घर से बाहर फेंके और RTI माध्यम से सरकार से सवाल करे की अगर ये अगर अमेरिका मे ban है तो भारत मे क्यूँ बिक रही है | एक भाई ने २८ जनवरी २०१३ को RTI की website पर सवाल भी पूछा था लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया | http://www.rtiindia.org/forum/109125-rti-vicks- vaporub-p-g-banned-worldwide.html आपने पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद १. http://www.youtube.com/watch?v=ZH9KSgJK oQE २. http://www.hoaxorfact.com/Health/ban-vicks- save-life.html ३. http://www.bluelight.org/vb/threads/133538- The-More-You-Know-How-much-Vicks-Vaporub- would-it-take-to-kill-a-man ४. http://www.scientificamerican.com/blog/post/ warning-vicks-vaporub-bad-for-tots-2009-01-12/ ?id=warning-vicks-vaporub-bad-for-tots-2009-01 -12 --- via #NavyugSamvaad --- via #MMSSamvaad

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